महाराष्ट्र में हिन्दुओं के पैसो से बनाए जा रहे 5 उर्दू हाउस: अभी तक 8.16 करोड़ रुपये की स्वीकृति उद्धव सरकार ने दी


सरकारी खजाने से बने उर्दू हाउस 


महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में 5 नए  उर्दू हाउस के लिए राज्य के खजाने से 8 करोड़ 16 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी हैं |  वह जल्द ही बनकर तैयार होने वाले हैं कुछ तैयार भी हो चुके हैं बस उद्घाटन करना बाकी रह गया हैं | उन्होंने आगे कहा कि हमने उद्धव सरकार के समक्ष  2 उर्दू हाउस और बनाने का प्रस्ताव रखा हैं एक मुंबई विश्वविद्यालय में और एक कलीना कैंपस में जो कि हमे विश्वास हैं कि सरकार इस प्रस्ताव को भी जल्द ही मंज़ूरी दे देगी |




जिन जिलों में ये उर्दू हाउस बनाए गए हैं उनके नाम हैं नांदेड़, सोलापुर, मालेगाँव, नागपुर | और भी बहुत से नाम अल्पसंख्यकों द्वारा सुझाव के तौर पर दिए जा रहे हैं | अभी तक सरकारी खजाने से 16  करोड़ रूपए खर्च किये जा चुके हैं | सवाल ये हैं कि ये सरकारी खजाने में पैसा आता कहा से हैं ? हिन्दुओं के कर से या उनके मंदिरों से | फिर इस पैसे को केवल मुस्लिमो या उर्दू के लिए खर्च क्यों किया जाता हैं ? क्या मुस्लिम तुष्टिकरण चरम पर पहुँच चुका हैं ? यह सवाल उद्धव सरकार से पूछे जाने चाहिए | सरकारी योजनाओं में मुस्लिम, सरकारी वजीफों में मुस्लिम, सरकारी खजाने में मुस्लिम | हर चीज़ पर मुस्लिमो का हक़ क्यों ? सिखों का क्यों नहीं, बोद्धो का क्यों नहीं, जैनियों का क्यों नहीं, पारसियों का क्यों नहीं, केवल मुस्लिमो के लिए ही क्यों? क्या महाराष्ट्र सरकार शरिया को ही अपना कानून और संविधान मानती हैं जिसमे हिन्दुओं का काम केवल कर देना हैं और उस कर से मुस्लिमो के लिए उर्दू हाउस बनाना |




क्या मदरसों में कमी आ गयी थी या फिर अल्पसंख्यकों के विश्वविद्यालयों में कमी आ गयी थी जो अब 5 उर्दू हाउस के लिए मंज़ूरी दी  | सवाल यह कि आप चाहते क्या हैं महाराष्ट्र में सब उर्दू बोले हिंदी और मराठी को भूल जाये | पहले ही बजट का आधा हिस्सा अल्पसंख्यकों के ऊपर लुटा दिया जाता हैं साफ़ शब्दों में कहे कि मुस्लिमो पर लुटा दिया जाता हैं जिनका कर भरने में 1 % भी योगदान नहीं हैं | मदरसों में गैर कानूनी धंधे चलते हैं कही बम तो कही AK47 | अब इस उर्दू हाउस से किसी नए जिहाद का आविष्कार करना हैं | जहा एक तरफ राज्य सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में लगी हैं वही केंद्र सरकार सबका विश्वास का ढोल बजा रही हैं | लेकिन इन सब से नुकसान भारत राष्ट्र का हो रहा हैं | जो फैसले हम आज ले रहे हैं कारण कोई भी हो ब्याज सहित उनके परिणाम हमारी आने वाली सनातन पीड़ी को भुगतने पड़ेंगे | हमारे नेता जो हिन्दू होने का दवा तो करते हैं पर यथार्थवादी के सिद्धांत पर कही टिक नहीं पाते और यही कारण हैं कि सत्ता का पतन होने के बाद अपने आप को कोसते हैं | 




इस घटना को बहुत ही चोरी छिपे COVID के समय अंजाम दिया गया | आधे महाराष्ट्र में तो इस बात कि भनक ही नहीं हैं कि ऐसा कुछ हुआ हैं | भाजपा इस मुद्दे को क्यों नहीं उठा रही क्या यह सबका विश्वास में बाधक हैं इसलिए | शिवसेना ने अपनी वास्तविक पहचान को खो दिया हैं अब वह एक ऐसी पार्टी बन चुकी हैं जो बेहोशी की हालत में हैं और मुस्लमान उसे शराब पीने की पूछ रहा हैं   और शिवसेना बेशर्मी से हिन्दू मंदिरो से रुपये चोरी करके मुसलमानो को दे और कहे और शराब दो |


सोशल मीडिया पर एक यूजर ने महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई और अपने ट्वीट में इस फैसले का विरोध करने का आग्रह किया 






 



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