पहले खालिस्तानी आतंकवादियों को दी श्रद्धांजलि फिर मांगी माफ़ी : स्पिनर हरभजन सिंह



यदि कोई ये दलील दे कि उसने कोई इंस्टाग्राम पोस्ट बिना गौर किये डाली हैं तो ये सफ़ेद झूट सा प्रतीत होता हैं पर फिर भी यदि छमा की याचना कर रहा हैं तो हमारा कर्त्तव्य बनता हैं कि एक मौका और दे | यहाँ बात हो रही हैं भारतीय क्रिकेट के अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह की जिन्होंने 1984 ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर खालिस्तानी आतंकवादियों को श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया |







जब राष्ट्रवादियों ने ये इंस्टाग्राम पोस्ट पड़ा तो उन्हें हरभजन के इस कृत्य पर दुःख हुआ जिसके बाद सभी राष्ट्रवादियों ने उन्हें लताड़ना शुरू किया | ऐसा लगता है मानो एक सोची समझी रणनीति के तहत एक मुहिम चल रही हैं पूरे पंजाब को खालिस्तानी मानसिकता से ग्रषित करने की और ये प्रयोग सफल सिद्ध हो रहा हैं |  जब हरभजन जैसा व्यक्ति ऐसा सोच रहा हैं तो कौन पंजाबी क्या सोच रहा हैं ये अनुमान लगाना एक नए फ्रंट को दर्शा रहा हैं जो अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ हैं | 





सत्य तो यह हैं कि हिन्दुओ ने ही सीखी का निर्माण किया जिससे वह निडरता से दुश्मन से लड़ सके और अपने राष्ट्र की रक्षा कर सके | सत्य तो यह हैं एक समय ऐसा भी था जब हर एक हिन्दू परिवार से एक बेटे को सीखी को समर्पित किया जाता था ताकि वह क्षत्रियों की तरह अपने समाज अथवा अपने राष्ट्र की रक्षा कर सके | लेकिन यह भी अपने आप में अचम्भा हैं कि कैसे इस सीखी को हिन्दुओं से अलग करके एक नए धर्म के रूप में स्थापित किया गया | जिसका पूरा श्रेय अंग्रेज़ो को जाता हैं और खालिस्तानी मानसिकता वाले सीखो को जिन्होंने चाटुकारिता के चक्कर में अंग्रेज़ो के इस काम में हाथ बटाकर अपनी ही सीखी  की जड़ों को काटने का काम किया हैं | सीखीं एक मार्शल कौम हैं तो इस देश का दुश्मन या तो उसे अपने साथ मिलाना चाहेगा या उसे कमज़ोर करना चाहेगा | और सीखो के मामले में ये दोनों तरीके अपनाये गए हैं | एक तरफ से नौजवान सीखो को ड्रग्स की लत लगाकर उनको कमज़ोर किया जा रहा हैं और दूसरी तरफ खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा सीखो को बरगलाकर अपने ही देश के विरुद्ध तैयार किया जा रहा हैं | ऐसे में भारत अंदर से ही कमज़ोर हो रहा हैं और अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं ये ताकते आने वाले समय में और मुखर होगी | इसका छोटो मोटा नमूना हम सभी ने किसानो के नाम पर हो रहे आंदोलन में देखा कि कैसे राष्ट्रीय मीडिया में एक सन्देश देने की कोशिश की गयी कि खालिस्तानी और वामपंथी एक साथ हैं | ऊपर से पंजाब में ईशाई धर्म परिवर्तन इतनी तेजी से चल रहा हैं कि यहाँ का पगड़ी पहने हुए सिख अपने आप को ईशाई बताता हैं इससे ज्यादा शर्म कि बात क्या हो सकती हैं, इसलिए मुझे लगता हैं कि पंजाब इस समय बहुत ही नाजुक स्थिति से गुज़र रहा हैं | 





हरभजन सिंह ने अपने किये हुए पोस्ट पर क्षमा मांग ली हैं और सफाई देते हुए कहा हैं

 
हालाँकि इस क्षमा याचना से खालिस्तानी आतंकवादियों और उनके समर्थको को गहरा झटका लगा हैं और लगना भी चाहिए | ज्यादातर खालिस्तानी कनाडा की धरती पर बसे हैं और वही से अपना खालिस्तानी एजेंडा चलाते हैं | यदि खालिस्तानी आतंकवादियों को समाप्त करना हैं तो सबसे पहले उन NGO's पर नकेल कसनी होगी जो खालिस्तानी प्रोपेगंडा के लिए फंडिंग करते हैं और नौजवान सिख भाइयो को बरगलाते हैं | हाल ही की घटना हैं जब स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी झंडा फहराया गया | यह बहुत गंभीर विषय हैं और सुरक्षा जांच एजेंसियो से गुज़ारिश हैं की इस फ्रंट को गंभीरता से ले और कार्यवाही करे |





  



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